Akassh_ydv

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हर नारी का सम्मान करो

हया ग़र औरतों का है गहना,तो शर्म लिबास है मर्दों का
जिस दिन ऐसा हो जाए,जरूरत ही न हो फिर परदों का
लपलपाते हैं जीभ वे...तमीज जिनको छु कर गया नही
ऐसे भेड़िये भी कहते हैं... आज की नारियों में हया नही
घर की माता बहनों को भी क्या तुम देख लार चुआते हो
जैसे बाहर स्त्री को देख देख कर तुम अपने मन को बहलाते हो
लाली बन सरल कपोलों में...आंखों में अंजन सी लगती है
मन की इतनी कोमल है...शीतल चन्दन सी लगती है
पर जब जब ये अन्याय और अत्याचारों से दो चार हुई
धर के रूप काली दुर्गा का संहार करने को तैयार हुई
पढ़ लो इतिहास उलट कर अपने मन को यूं न भरमाओ
नारी ही तो देवी है अपने को छोटा कहने में तनिक न शरमाओ
जब तुम न थे ये तब भी थीं....जब तुम न होंगे..ये तब भी होंगी
तुम्हारे अस्तित्व की जननी हैं ये
माता बहन प्रेयसी और रमणी है ये
इनको अबला कह कर तुम न इनका अपमान करो
जहां माटी की देवी पूजते हो इनका भी कुछ सम्मान करो

©आकाश यादव®

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4 Comments

Sachin dev

17-Dec-2022 04:47 PM

Amazing 👍🌺

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Gunjan Kamal

17-Dec-2022 02:34 PM

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Renu

17-Dec-2022 08:17 AM

एक एक शब्द यथार्थता को बयां करते हुए 👍👍🌺

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